The days have been such that a lot is being said without saying a word, but still a lot is being left unsaid.

Here is a song I wrote a long time back. It's been playing in my head for a while now. Can't get the song out of my head.

जानेजां मैं दिवाना तेरा, मुझको तू यूँ ना तड़पाना
तेरे बिन जीना भी क्या, समझो ना मैं करता हूँ तुमसे प्यार||

आँखों में तुम, साँसों में तुम, धड़कन में तुम, तुम हो मेरी जान
तू ही चाहत, तू ही खुशबू, तू ही अरमान, यूँ ना तू सतां|
मैं चाहता हूँ तुमसे कहू, नहीं समझ पाती है तू,
जानो मेरी आँखों से, मैं करता हूँ तुमसे प्यार||

जानेजां मैं दिवाना तेरा, मुझको तू यूँ ना तड़पाना
तेरे बिन जीना भी क्या, समझो ना मैं करता हूँ तुमसे प्यार||

ठंडी रातें, मुलाकातें, मीठी बातें, है रंगीन सामाह
ये हवाएं, ये फिजाएं, ये अदाएं, करती परेशान|
मस्ती भरी है हवा, मदहोशी का है सामाह
आओ तुमसे मैं कहू, मैं करता हूँ तुमसे प्यार||

जानेजां मैं दिवाना तेरा, मुझको तू यूँ ना तड़पाना
तेरे बिन जीना भी क्या, समझो ना मैं करता हूँ तुमसे प्यार||
 

Comments (0)